Index
- २५-पुरंजनोपाख्यानका प्रारम्भ
- २६-राजा पुरंजनका शिकार खेलने वनमें जाना और रानीका कुपित होना
- २७-पुरंजनपुरीपर चण्डवेगकी चढ़ाई तथा कालकन्याका चरित्र
- २८-पुरंजनको स्त्रीयोनिकी प्राप्ति और अविज्ञातके उपदेशसे उसका मुक्त होना
- २९-पुरंजनोपाख्यानका तात्पर्य
- ३०-प्रचेताओंको श्रीविष्णुभगवान्का वरदान वरदान
- ३१-प्रचेताओंको श्रीनारदजीका उपदेश और उनका परमपद-लाभ
- पञ्चम स्कन्ध १-प्रियव्रत-चरित्र
- २-आग्नीध्र-चरित्र
- ३-राजा नाभिका चरित्र
- ४-ऋषभदेवजीका राज्यशासन
- ५-ऋषभजीका अपने पुत्रोंको उपदेश देना और स्वयं अवधूतवृत्ति ग्रहण करना
- ६-ऋषभदेवजीका देहत्याग
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